" Psychology of Money " Book Summary in Hindi
दोस्तों क्या आप जानते हो? यूएसए में लोअर क्लास के लोग हर साल $400 यानी इंडियन करेंसी के हिसाब से ₹30,000 लॉटरी टिकट में खर्चा करते हैं और साल की कोई भी टाइम वो लोगों के पास कोई भी सेविंग्स नहीं होती इन्फैक्ट उनमें से आधे लोगों के पास इमर्जेन्सी के लिए $400 भी बच्चे नहीं होते है। अब आप मुझसे कहोगे की वो लोग लॉटरी टिकट में खर्चा करने की जगह उन पैसों को सेफ क्यों नहीं कर लेते? लेकिन उनके हिसाब से उनकी लाइफ और उनकी फाइनैंशल कंडिशन सिर्फ और सिर्फ वो लॉटरी ही बदल सकती है। मतलब लक और उनको लगता है की वो हार्ड वर्क कर के कभी अमीर नहीं बन सकते। उनको ऐसा लगता है कि अमीर बनना मतलब लकी हो ना तो बेसिकली वो लॉटरी टिकट सुन को उम्मीद और सपने दिखाती है। अब जो उसको आप में से बहुत लोग कहोगे के कितनी फालतू सोच है? क्योंकि हमें पता है लॉटरी जीतने के चान्सेस कितने कम होते हैं और अपनी लाइफ को पूरी तरह लॉटरी टिकट पर छोड़ देना। मतलब करोड़ों में से एक आदमी को सक्सेस मिले गी तो क्या बाकी सारे लोग वैसे ही गरीबी में जियेंगे? लेकिन दोस्तों इंट्रेस्टिंग बात ये है की अगर आप उन लोगों को समझाने जाओ तो उल्टा आपको बेवकूफ समझेंगे और शायद वो लोग आपको गलत बोल के रिटर्न में आपको बुरा फील करा देंगे। जबकि आप तो उनकी मदद करने के लिए बोल रहे थे दोस्तों इसीलिए ये बुक से हमें कुछ ऐसे इम्पोर्ट लाइसेंस सीखने मिलते है। वो ये है की हम इंसान लॉजिकल नहीं है। हम साइकोलॉजिकल है क्योंकि दोस्तों सबको यही लगता है की आज की तारीख में वो एकदम पर्फेक्ट फैसला ले रहे हैं अपनी लाइफ के लिए। लेकिन फिर भी जब कुछ साल गुजर जाते हैं और जब लोग पीछे पलटकर देखते हैं तो वो यही सोचते विकाश उन्होंने कुछ ऐसा कर लिया होता तो उनकी लाइफ कुछ और होती और दोस्तों जब बात फाइनैंशल डिसिशन्स की आती है तो चाहे वो अमेरिका के लोअर क्लास के इनकम वाले लोग हो या इंडिया के मिडल क्लास या दुनिया में कोई भी अमीर इंसान हम ज्यादातर फैसले, इमोशन्स यानी जज्बात के बेसिस पर लेते जैसे डर या लालच और फिर उसको लॉजिक्स जस्टिफाई करते हैं कि हमारा फैसला लॉजिकली बिल्कुल सही है। दोस्तों, इसकी एक वजह ये होती है की हमे कुछ चीजें कुछ सालों बाद सीखने मिलती है जो हमें पहले सीख लेनी चाहिए थी। इसीलिए दोस्तों आज मैं कुछ जैसे इम्पॉर्टन्ट लाइसेंस इस बुक से शेयर करने वाला हूँ, जो हमारी साइकोलॉजी और माइंडसेट से रिलेटेड है, जिसकी वजह से हम जाने अनजाने में गलत फैसले लेते है।
सर नंबर वन टूवेल्थ इस वॉट यू डोंट सी 201 तरफ होती है लग्जरी कार्स, बढ़िया सा घर पे वेकेशन की फोटोस सो ये सब चीजे हमें क्लियरली दिख रही है और दूसरी तरफ उस घर का या कार का लोन का ईएमआइ, उस आदमी के ऑफिस का स्ट्रेस और उसकी स्ट्रेस की वजह से उसके घर के रोज़ के फाइट्स ये सब चीजें हमें नहीं दिखती तो जो हमें दिखता है वो अक्सर पूरा पिक्चर नहीं होता है। लेकिन जाने अनजाने में ये चीजें हमें गलत तरीके से सोचने पर मजबूर करती है कि जब भी हम किसी अमीर आदमी को देखते हैं, जैसे उसके पास कोई लग्जरी कार हो या कोई वेकेशन पे गया हो तो हम भी यही सोचते है की काश मेरे पास भी इसी कार होती। काश मैं भी ऐसी जगह घूम पाता इतनी मस्त लाइफ है। अब हम ये नहीं सोचते की वो लोगों की लाइफ ऐक्चूअली में मस्त है या नहीं। हम उन लोगों की लाइफ से सिर्फ फ्लैश ही और ए सी ब्राइड चीजें ढूंढ के पिक करते हैं और जो उसको हमें ये चीज़ याद रखनी चाहिए कि जीस वजह से उस आदमी ने कर ली थी कि लोग उसकी इज्जत करेंगे। लेकिन ऐक्चूअली में लोग उसकी नहीं बल्कि उसकी कार की इज्जत कर रहे हैं तो उससे क्योंकि जब भी हमारे सामने से कोई कार गुजरती है तो हम हमेशा यही कहते हैं कि वह क्या कार है? हम कभी ऐसा नहीं कहते कि वह क्या आदमी है और इसी वजह से लोगों के दिमाग में एक परसेप्शन बैठ गया है की अमीर मतलब आपके पास दिखाने के लिए कुछ होना चाहिए, लेकिन रिऐलिटी में ऐक्चुअल वेल्थ वो होती है जिससे हम आजादी की जिंदगी जी सकते, क्योंकि सबसे बड़ी और सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज़ जिसे हम पैसे से खरीद सकते हैं तो वो है हमारा खुद का टाइम। अगर आपके पास दुनिया की सारी दौलत है, लेकिन उसको एन्जॉय करने का टाइम नहीं, क्योंकि अब पूरा टाइम ऑफिस में बीज़ी रहते हो और उस काम को आप पसंद भी नहीं करते तो आपके इतने अमीर होने का फायदा क्या? दोस्तों? इसीलिए इस बुक के ऑथर हमें ये कहते हैं कि दूसरों को दिखाने के लिए खर्चा करना मतलब गरीब होने का सबसे सिंपल और आसान तरीका है। और अमीर रहने का सबसे मुश्किल तो अगर आप किसी आदमी के पास कोई अच्छी कार देखते हो जैसे मानलो ₹50,00,000 की है तो आप उससे ये नहीं पता लगा सकते की वो आदमी ऐक्चूअली में वेल्थी है या नहीं लेकिन उससे हमें ये चीज़ जरूर पता चलती है की उसके धन में से ₹50,00,000 कम हो गए। लेज़र नंबर टू यू पेय्ड प्राइस फॉर एवरीथिंग तो उसको मान लो आपको एक कार खरीदनी है और उसका प्राइस है 12,00,000 रूपया तो आपके पास अभी तीन ऑप्शन्स हैं पहला अब ₹12,00,000 पे कर दो दूसरा अगर आपको उतना खर्चा नहीं करना तो आपको इस सस्ती कार ढूंढ लो। तीसरा किसी दूसरे आदमी की कार चुरा लो। अब 219 9% लोग कार चुराने वाला ऑप्शन नहीं चुनेंगे क्योंकि उन्हें पता है की फ़िलहाल तो कार मिल जाएगी लेकिन उसके बदले आगे जाके फ्यूचर में जो प्रॉब्लम होगी वो बहुत ज्यादा हो सकती है तो उसके बेनिफिट जो हमें क्लियरली दिख रहे हैं। तो उसके नुकसान से काफी छोटे हैं जो फिलहाल नहीं दिख रहे हैं। लेकिन अगर कोई आदमी गाड़ी चुराता है तो हम उसको यही कहेंगे की उसने गलत फैसला लिया। फिर चाहे उसको कोई सजा मिले या नहीं मिले।
क्योंकि हमें ऐसी चीजें दिख रही है जो उस आदमी को नहीं दिख रही। इसीलिए हम 19% लोग गाड़ी को चुराना नहीं पसंद करेंगे। फिर भले ही हम कोई सस्ती है, सेकंड हैंड कार ढूँढ़ लेंगे क्योंकि हमें पता है ऑन थिस फॉर फ्री। उसी तरह जब आपको अमीर बनना है और इन्वेस्टिंग से अपने पैसों को ग्रो करना है तो आपके पास दो ऑप्शन है। या तो आप अपने पैसों को ऐसी जगह इन्वेस्ट करो जहाँ आपको सबसे ज्यादा लॉन्ग टर्म फायदा होगा यानी अच्छा रिटर्न मिलेगा। जैसे ऑथर कहते है इंडेक्स फंड में या डायरेक्ट स्टॉक्स में, लेकिन उसके लिए आपको उसको सीखना पड़ेगा। उसका प्राइस वही है और ये प्राइस आप डॉलर से रूपीस में नहीं पे करोगे बल्कि डाउट अनसर्टन टी थोड़ा टाइम देखिये उसके बारे में सीकर पे करोगे लेकिन उसके बदले में आपका फ्यूचर ब्राइट होगा और दूसरा ऑप्शन ये है की आप अपने पैसों को कोई सेफ जगह पर रख दो जहाँ आपको ज्यादा रिटर्न नहीं मिलेगा लेकिन आपके पैसे सेफ रहेंगे। जैसे बैंक एफडी में या गोल्ड में तो उससे आपको सेफ्टी तो मिल जाएगी, लेकिन उसके बदले में आपको उतना प्रॉफिट नहीं मिलेगा और वहीं उसका प्राइस होगा। तो इसी तरह ये ऑप्शन में आप खराब रिटर्न्स लेकर इसका प्राइस पे करते हो। आप दोस्तों यहाँ पे सच बात ये है की मैक्सिमम लोग ये दूसरा ऑप्शन चुनते हैं। जीसको मोर्गन हासिल इस बुक के ऑथर कार चुराने वाले ऑप्शन जैसा कहते हैं और उसका सिंपल रीज़न ये है की बहुत से लोग अपने घर के लिए अपने घर के डेकोरेशन के लिए, वेकेशन पे जाने के लिए खाना खाने के लिए बहुत सारा खर्चा करते हैं। लेकिन अपने आप पर इन्वेस्ट करने के लिए इतना खर्चा नहीं करते क्योंकि अपने आप पर इन्वेस्ट करने का प्राइस उन्हें क्लियरली दिख नहीं रहा और उन लोगों के लिए वो दिखने वाली चीज़ ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है जिससे घर गाड़ी या फिर फिक्स डिपॉजिट का फिक्स्ड इंटरेस्ट और आपके रोज़ के बोरिंग इन्वेस्टमेंट्स जैसे स्टॉक मार्केट या इंडेक्स फंड से आपको अपना फ़्यूचर इतना क्लियरली दिख नहीं रहा। इसीलिए लोग ये ऑप्शन चुनते नहीं है। उसी तरह जीस तरह कार चुराने वाले को उस कार की चुराने की असली कीमत नहीं दिख रही और दोस्तों ऑफर यहाँ पे हम एक इम्पोर्टेन्ट बात कह रहे की ग्रोथ इस ड्रिवन बी कंपाउंडिंग विच ऑल वेस्ट एक्स टाइम बट डिस्ट्रक्शन इस ड्रिवन बी सिंगल पॉइंट ऑफ फेल्यर, विच कैन हैपन इन सेकंड चीज़ यानी आपके पैसे धीरे धीरे करके ग्रो होते कंपाउंडिंग के थ्रू लेकिन बर्बादी रातोंरात हो सकती है। लेज़र नंबर थ्री गैटिंग वेल दिवस इस स्टेइंग वेल्दी दोस्तों अमीर बनने के बहुत सारे तरीके होते हैं लेकिन गरीब होने का एक ही तरीका है पैसों को बराबर हैंडल नहीं करना और उसको ज्यादा से ज्यादा खर्चा करना। और इसीलिए ऑर्डर हमें कहते हैं कि अमीर बनने से ज्यादा मुश्किल अमीर रहना है, क्योंकि जब आदमी के पास पैसा नहीं होता है तो उसे कंट्रोल करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास पैसा ही नहीं है। लेकिन जब आदमी के पास बहुत सारा पैसा होता है तो उसे सेल्फ कंट्रोल सीखना ही पड़ता है। इसीलिए आपको अमीर बनना है और अमीर रहने के लिए अलग अलग माइंड सेट चाहिए। लेकिन अगर आप शुरुआत से ही थोड़ी बहुत सेविंग करके इन्वेस्ट करते हो और उसके थ्रू अमीर बनते हो तो चान्सेस है क्या? आपको वही माइंडसेट अमीर रखेगा और इसीलिए आज दुनिया के 90% से भी ज्यादा अमीर लोग सेल्फ मेड है और दुनिया के 70% से भी ज्यादा लॉटरी विनर्स 10 साल के अंदर ऑफिस से गरीब बन जाते हैं तो इसीलिए आपको हमेशा एक सर्वाइवल माइंडसेट रखना चाहिए जिसके लिए आपको तीन चीजों की जरूरत होती है।
सबसे पहला एम टु बी फाइनैंशली अनब्रेकेबल मतलब आप अपने आप को मेंटली और फाइनैंशली इतना स्ट्रांग बना दो। ये मार्केट साइकल से आपको कुछ फर्क ही ना पड़े। जब आप रिअल एस्टेट या गोल्ड में इन्वेस्ट करते हो तो आपको पता है की इसमें भी मार्केट साइकल से होते हैं और इसका भी प्राइस फ्लक्चूएट होता है और जब प्राइस गिरता है तो हम उसे बेचते नहीं हैं। हम और ज्यादा खरीदते हैं, उसी तरह हमें यही लॉजिक यूज़ करना चाहिए। स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में क्या आपको मार्केट साइकल से डरना नहीं है, आपको उसे अपने बेनिफिट के लिए यूज़ करना है। दूसरा आ गुड प्लैन लीव रूम फॉर एरर। यानी आप जब भी कोई प्लानिंग करते हो तो उसमें इस बात पर भी गौर करो की अगर वो इन्वेस्टमेंट प्लैन के मुताबिक नहीं होता है। तो आप क्या करोगे? यानी आपका प्लैन भी क्या होगा? और इन्वेस्टिंग की दुनिया में हम इसी लिए एक पोर्टफोलियों क्रिएट करते हैं। 1015 कम्पनीज़ का और एमर्जेंसी फंड साइड में रखते हैं। तीसरा बी ऑप्टिमिस्टिक अबाउट द फ्यूचर बट पैरानौएड अबाउट योर ऑप्टिकल्स टु सक्सेस यानी आपको फ़्यूचर को लेकर हमेशा ऑप्टिमिस्टिक और पॉज़िटिव रहना चाहिए। अच्छी सोच रखनी चाहिए लेकिन हमेशा अपनी करेंट सक्सेस को लेकर एलर्ट और सावधान रहना चाहिए। क्या उसमें कोई खतरा तो नहीं है? जैसे ऑर्थर ने हमें यहाँ पे दो इन्ट्रेस्ट नहीं एग्जाम्पल दिए। सबसे पहला डोनाल्ड रीड का आपके नाम गूगल करके सर्च कर सकते हो। ये आदमी ने पूरी जिंदगी सिर्फ चौकीदारी की नौकरी की है, लेकिन उसके मरने से पहले उसके पास एट मिलियन यूएस डॉलर जमा थे जो इंडियन करेन्सी के हिसाब से लगभग ₹55,00,00,000 होते हैं। अब कोई आदमी छोटी मोटी नौकरी से इतने सारे पैसे कैसे जमा कर सकता है? तो उसका आन्सर है। सेविंगस और इन्वेस्टिंग की आदत डाल के और दूसरी तरफ दूसरा एग्जाम्पल है रिचर्ड फर्स्ट। कौन का जो दुनिया के सबसे टॉप कॉलेज हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करता है।
दुनिया के सबसे टॉप कम्पनीज़ मेरिल लिंच में काम करता है और एक अच्छी पोस्ट पे एग्जीक्यूटिव बनता है। लेकिन उसने कर्जे की और खर्चा करने की इतनी आदत डाली जिसकी वजह से 2008 में उसे बैंकरप्सी डिक्लेर करनी पड़ी। दोस्तों गरीबी से बुरी चीज़ क्या होती है? वो ये क्या आप अमीर बने और फिर वापस गरीब हो गए? तो इसीलिए अगर आप अपने दम पे ₹10,00,000 इन्वेस्ट करके उसे मैनेज नहीं कर सकते तो आप ₹10,00,00,000 मैनेज नहीं कर सकते हैं और इससे हमें ये चीज़ पता चलती है की आप की सबसे बड़ी प्रॉब्लम कम पैसा नहीं है। आपकी बड़ी प्रॉब्लम ये है की आपको पैसा मैनेज नहीं करना आता क्योंकि गरीब लोगों की सोच हमेशा ये होती है की जब हमारे पास ज्यादा पैसा आएगा तो हम उसे मैनेज करना सीखेंगे। लेकिन अमीर लोगों की सोच ये होती है की जब हम थोड़े पैसे को अच्छे से मैनेज करेंगे तो हमारा पैसा अपने आप बढ़ जाएगा। ले सर नंबर फ़ोर सेवेन वैन, फाइनैंशल फ्रीडम तो दुनिया में तीन टाइप के लोग होते हैं एक वो जो सेव करते दूसरे जिन्हें लगता है वो सेव नहीं कर सकते। और तीसरे जिन्हें लगता है उनको सेव करने की जरूरत ही नहीं ऐम शुर आप तीसरी कैटगरी में नहीं आते हो क्योंकि आप ये वीडिओज़ देख रहे हो दोस्तों हम सेविंग के बारे में बहुत सुनते है। आपको बचपन से आपके पैरंट्स ने कहा होगा कि पैसे सेव करा करो। लेकिन ये सेविंग्स इतनी इम्पोर्टेन्ट क्यों है? क्योंकि हर ₹1 जो आप सेव करके इन्वेस्ट करते हो वो आपका फ्यूचर का वो टाइम खरीदता है तो शायद किसी और ने खरीद के रखा था। तो इसीलिए ऑथर के हिसाब से अगर आपकी सैलरी कम भी हो तो भी आप अमीर बन सकते हो। लेकिन अगर आप सेवेन डेज़ करते ही नहीं हो तो आप कभी अमीर बनोगे ही नहीं। लेसन नंबर फाइव और सबसे इम्पोर्टेन्ट मोर्गन हाउसिंग के लाइफ टिप्स सबसे पहला अपने सारे फाइनैंशल डिसिशन्स इन्डिपेन्डेन्ट ली लो ये सोच के नहीं की मुझे किसी को दिखाना है या किसी ने किया था। इसलिए मुझे भी करना है एडवाइस नंबर टू लीव बिल ओर मीन्स, क्योंकि सबसे बुरी चीज़ अगर आपको ये कर सकते हो तो वो ये है कि आप अपने फ्यूचर की कमाई को आज ही खर्चा कर दो। अड्वाइज़ नंबर थ्री डी फ्लेचर फ्रॉम फ्री ओर लो कॉस्ट ऐक्टिविटीज़ जैसे एक्सर्साइज़ रीडिंग, पॉडकास्ट लर्निन्ग क्योंकि जिंदगी के असली, मज़े, फ्री और छोटी मोटी चीजों में जो रोज़ होती है और इससे आप हेल्थी भी रहोगे, वेलती भी रहोगे और वाइस भी रहोगे। अड्वाइज़ नंबर फ़ोर मेन 1020% ऑफ कैश ऐसे इमर्जेन्सी वो इसलिए क्योंकि जब भी स्टॉक मार्केट में क्रैश होता है तो आपको अपने इन्वेस्टमेंट को कम पैसे में बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपना एमर्जेंसी फंड यूज़ कर सकते हो। एडवाइस नंबर फाइव द फर्स्ट रोल ऑफ कंपाउंडिंग इस टू नेवर इंटरप्टेड अननेसेसरी ली। आपकी ऐक्चुअल वेल्थ लॉन्ग टर्म इनवेस्टिंग से ही ग्रो होगी कंपाउंडिंग के थ्रू लेकिन उसकी कंडीशन ये है की आप उसे बिना रोक टोक के कंपाउंड होने दो। अड्वाइज़ नंबर सिक्स एवरी इन्वेस्टर्स शुड पि का स्ट्रैटिजी दैट है जहाँ इस स्टोर्स ऑफ सक्सेस्स्फुल्ली मीटिंग गोल्स और ऑथर के हिसाब से इंडेक्स फंड लोगों के लिए सबसे बेस्ट चॉइस है। एडवाइस नंबर सेवन थ्री की एलिमेंट्स ऑफ हाउसेस अप्रोच हाइ सेविंग्स रेट, पेशेंस एंड लॉन्ग टर्म ऑप्टिमिजम क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग सपने देखते हैं कि उनको करोड़पति लोगों वाली लाइफ जीनी है। दुनिया में बेहतरीन जगह घूमना है लेकिन ऐक्चूअली में उनके बोलने का मतलब ये होता है की उन्हें करोड़ रुपया खर्चा करना है जो उनकी कही हुई बात से बिल्कुल ऑपोजिट है। क्योंकि अगर आप अपना करोड़ रुपया खर्चा कर दोगे तो करोड़पति कैसे कहलाओगे?
Related Post:-
what should i name the css
ReplyDelete