" ATOMIC HABIT " BOOK SUMMARY IN HINDI
1908 से 2003 तक ग्रेट ब्रिटेन साइकलिंग की फील्ड में बहुत पीछे था। 100 सालों में ओलिंपिक गेम्स में एक गोल्ड मेडल जीता था। साइकलिंग की सबसे बड़ी रेस टुर दे फ़्रांस किसी ब्रिटिश साइक्लिस्ट ने नहीं जीती थी। उन्होंने काफी कोचेस बदले, डिफ़रेंट स्ट्रैटिजी स्ट्राइक की, लेकिन उन्हें कभी स्पीड में कामयाबी नहीं मिली, लेकिन 2003 में चीजें बदलने लगीं। 2003 में ब्रिटेन ने ब्रेल्स्फ़ोर्ड को ऐसा परफॉर्मेंस डायरेक्टर हायर किया। इसके 5 साल बाद ओलिंपिक गेम्स है, जिसमें साइक्लिंग के 60% मेडल्स ब्रिटेन ने जीते हैं। 4 साल बाद फिर से गेम्स हुए, जिसमें ब्रिटेन ने नाइन ओलिंपिक रिकॉर्ड ज़ ओर से वन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। उसी साल टूर दे। फ्रांस भी ब्रिटिश साइक्लिस्ट ब्रैडली ने जीता। उसके अगले साल ब्रिटिश साइक्लिस्ट घूमने ये रेस जीती और फिर 2015, 1617 में अगेन ये रेस जीती। अचानक ब्रिटेन ने इतना इम्प्रूव कैसे कर लिया? डीटेल्स फॉर एक स्ट्रैटिजी में मानते थे। वो कहते थे कि अगर आपने काम में छोटी छोटी इम्प्रूवमेंटस करो तो वो मिलकर कुछ ही टाइम में बहुत बड़ा रिज़ल्ट देती है। बहुत सी छोटी इम्प्रूवमेंटस की जैसे साइकल की सीट चेंज की ताकि उनकी टीम ज्यादा कम्फर्टेबल फील करे। टाइर्स में अल्कोहल किया ताकि अच्छी ग्रिप रहे डिफ़रेंट कपड़ों के फैब्रिक स्ट्राइक की ये डिफरेंट मसाज स्ट्राइक की है ताकि मसल्स जल्दी रिकवर हो, अच्छी नींद के लिए पेलोसी और मैट्रिक्स चेंज किए और हंड्रेड्स ऑफ स्मॉल इम्प्रूवमेंट स्कीम कृष्णा आखिर में बड़े रिजल्ट्स दिए। मान लीजिए आप एक रूम में बैठे हैं और सामने टेबल पर एक आइस क्यूब पड़ी है। रूम का टेम्पेरचर 26 डिग्री 100 राइस मेल्ट नहीं हो रही। अब टेम्परेचर 27 पे चला गया। फिर 28293031 अभी भी आइस क्रीम मेल्ट नहीं हो रही। इसके बाद टेम्परेचर हुआ 32 और राइस मेल्ट होना शुरू हो गई। टेम्परेचर का 31 से 32 हो ना कोई बड़ा चेंज नहीं है। 32 की वजह से मेल्ट नहीं हुई बल्कि उससे पहले जो टेम्परेचर चेंज हुआ उसका उसमें बड़ा हाथ था। ये लेसन हर जगह देखा जा सकता है। मान लो आप डेली फाइव पेजेस रीड करते हो, जिससे साल की ऑलमोस्ट एट बुक्स हो जाती है। अब 4 साल बाद आपका कोई रिलेटिव आपसे कहता है की आप बहुत नॉलेजेबल हो। उसे ऐसा लग रहा है की आप बहुत ज्यादा पढ़ते हो लेकिन ये जो बड़ा रिज़ल्ट है, इसका रीज़न है रोज़ की एक छोटी सी है बेड। इसलिए एटॉमिक हैबिट से ऑथर जेम्स ब्रैड वाइज देते है की छोटी डेली हैबिट्स बिल्ड कर हो, जिससे लॉन्ग टर्म में फायदा हो। हमारा ब्रेन हैबिट्स इसलिए बिल्ड करता है क्योंकि उनसे हमारा काम कम होता है। जैसे अब स्ट्रेस फील कर रहे हो। अपने सिगरेट पी और टेंशन चला गया आपका ब्रेन इस चीज़ को नोट कर ले गया और नेक्स्ट टाइम जब भी आपको टेंशन होगा तो आप यही चीज़ दुबारा करोगे। किसी भी चीज़ से अगर आप को फायदा है तो ब्रेन उसे नेक्स्ट टाइम के लिए जरूर रिकॉर्ड करेगा और फिर आप वो काम बिना सोचे कर पाओगे। हैबिट का एक फ़ोर स्टेप प्रोसेसर होता है। स्टेप वन है क्यूँ मतलब कोई ऐसी चीज़ जो आपको कोई काम याद करवा? ये जैसे डोरबेल बजी तो आपको दरवाजा खोलना याद आता है। अगर आप डेली 5:00 बजे वर्कआउट करते हैं तो पांच बजते ही आपको वर्कआउट याद आता है। भूख लगती है तो खाना ही याद आता है। मोबाइल देखते हैं तो गेन याद आती है। दूसरे स्टेप है क्रेविंग। मतलब किसी भी चीज़ को चाहना। हम कोई काम उस वक्त तक नहीं करते जब तक उसे चाहे नहीं है। बिट में कुछ ऐसा होना चाहिए जो हमे अच्छा लगे जैसे सिगरेट और ड्रग्स से सुकून मिलता है। लोग ज्यादा खाते हैं क्योंकि उसमें उन्हें मज़ा आता है। डेली जिम जाते हैं क्योंकि उन्हें एक अच्छी बॉडी चाहिए होती है। इस ट्रेक थ्री है रिस्पॉन्स मतलब ऐक्शन जब आप सोचते हैं कि जिम जानेसे अच्छी बॉडी बनेगी तो फिर आप जिम जाने का ऐक्शन लेते हैं। इस टास्क फोर्स सैटिस्फैक्शन अगर आपको ऐक्शन करने के बाद सैटिस्फैक्शन मिले गी मतलब मज़ा आएगा तो आपका ब्रेन उसे नेक्स्ट टाइम के लिए रिकॉर्ड कर लेगा और फिर जब भी वो क्यों आपको नजर आएगा आपका वही रिस्पॉन्स होगा। अगर एक भी स्टेप मिस हुआ तो हैबिट नहीं बनेगी। इस फ़ोर स्टेप प्रोसेसर को माइंड में रखते हुए मैं आपको बताऊँगा। क्या आप अच्छी हैबिट्स कैसे बिल्ड कर सकते हैं और बुरी हैबिट्स कैसे छोड़ सकते हैं? ईज़ अली इसके लिए ये फ़ोर लॉस फॉलो करने होंगे। लॉ नंबर वन, मेक इट 2001 एक रिसर्च हुई जिसमें तीन ग्रुप्स बनाये गए। रिसर्च में जो लोग थे उन्हें एक्सेस की हैबिट बिल्ड करनी थी। पहले ग्रुप को एक्सेस करने का बोला और साथ में नोट भी करे। क्यों कितनी ऐक्सेस कर रहे हैं? सेकंड ग्रुप को नोट करने का बोला और साथ में मोटिवेशन भी दी। उन्हें एक्स के फायदे बताए जिससे वो थोड़ा मोटिवेटेड हो गया है। थर्ड ग्रुप को नोट करने का बोला, मोटिवेशन दी और साथ ही उन्हें एक प्लान बनाने को बोला।
प्लेन में यह लिखना था की वो किस वक्त और कहा एक्सेस करेंगे? जैसे मैं कल 5:00 बजे अपने बेडरूम में 20 मिनट एक्सेस करूँगा। इस सेन्टेन्स को इम्प्लिमेंटेशन इंटेन्शन बोलते है। इस स्टडी का रिज़ल्ट ये निकला कि ग्रुप वन में से है 35% लोगों ने वीक में एट लिस्ट एक बार एक्सर्साइज़ की ग्रुप टू में से 38% ने और ग्रुप थ्री में से 90% ने। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ग्रुप थ्री को एक क्यों दे दिया गया? क्योंकि बगैर हैबिट शुरू नहीं होती, इसलिए आपके पास कोई ऐसा ट्रिगर होना चाहिए। उसकी हैबिट याद दिलाएँ। इम्प्लिमेंटेशन इंटेन्शन की हेल्प से उन्होंने अपने लिए क्यू सेट कर लिया। अब इस मेथड का यूज़ करके कोई टाइम और जगह डिसाइड कर सकते हो जैसे 5:00 बजे लाइब्रेरी जाके एटॉमिक करोगे जैसे ही 5:00 बज जाएंगे, आपको अपने ऐक्शन याद आ जाएगा। आप हैबिट्स ट्रैकिंग का भी यूज़ कर सकते हो। मतलब कोई टाइम डिसाइड करने के बजाय कोई ऐसी हैबिट यूज़ करो जो आप ऑलरेडी करते हो और अपनी नयी हैबिट उसके बाद करो। जैसे अगर आप मेडिटेशन करना चाहते हो तो सोचो क्या आप रोज़ सुबह ब्रश करने के बाद मेडिटेशन करोगे? ब्रश करना है और ये आपकी नयी हैबिट के लिए क्यों बन जाएगी? इसी तरह मैं स्कूल से आने के बाद 10 मिनट रेटिंग करूँगा। डिनर के बाद वॉक पर जाऊंगा एस फ़िज़िशन है जो चाहती थी कि उनके हॉस्पिटल में लोग चूड़ा कंपनी है और पानी ज्यादा पीएं है। इसके लिए उन्होंने हॉस्पिटल की फ्री जिसमें ज्यादा से ज्यादा पानी रखा नहीं, जगहों पर पानी रखा जहाँ लोगों की नजर पड़े। इसी वजह से सोडा की सेल 11% कम हो गई और पानी की सेल 25% बढ़ गई। इससे हमे पता चलता है की उसके लिए इन्वाइरनमेंट कितना जरूरी है। लोगों ने ज्यादा पानी इसलिए यह क्योंकि उन्हें ज्यादा पानी नजर आया। इसके लिए किसी विल पावर की जरूरत नहीं पड़ी। अपने एनवायरनमेंट मेक यू सैड करो, जो आपको आपकी हैबिट के बारे में याद दिलाया है। जैसे लाइब्रेरीज़ में कई जगहों पर साइलेंस का साइन लगा होता है ताकि लोगों को साइलेंट रहना याद रहे। इसी तरह अगर आप ज्यादा पानी पीना चाहते हैं तो अपने साथ एक पानी की बॉटल रखें ताकि आपको पानी याद रहे। अगर हार्ड वर्क करना चाहते हो तो अपनी डेस्क पर एक साइड रखो, जिसपर हार्ड वर्क लिखा हो। आपने इन्वाइरनमेंट को इस तरह से करो की उसमें आपके हिसाब से क्यूँ हो अब बात करते हैं, बुरी हैबिट्स की कोई भी हैबिट क्यूँ से शुरू होती है और अगर बुरी हैबिट्स को रोकना है तो क्यूँ को रिमूव कर? 21971 में वे इतना बोर हुई थी, जिसमें कांग्रेस में रॉबर्ट स्टील और मॉर्गन मर्फी जब सोल्जर्स को विजिट करने गए तो उन्हें पता चला कि काफी सारे शोल्डर्स को हिरोइन की आदत लग गई थी। इसके बाद उन सोल्जर्स पर नजर रखी गई, जब सोल्जर्स अपने घर वापस गए तो 90% ने हिरोइन को हाथ भी नहीं लगाया। उनकी ऐडिक्शन खत्म हो गई। इसका रीज़न था इन्वाइरनमेंट चेंज होना। जब सोल्जर्स में थे तो उन्हें कई सारे एक्स्क्यूस मिलते थे, जिनसे उन्हें हिरोइन याद आती थी। जैसे वहाँ हिरोइन मिलना आसान था, उन्हें वोर का स्ट्रेस होता था, जिसकी वजह से वो ड्रग कौन स्यूम करते थे, उनके दोस्त होते थे जो हिरोइन ऐडिक्ट्स थे। जब वह घर वापस आए तो सारे क्यूज़ रिमूव हो गए और उन्हें हिरोइन इतनी ज्यादा याद नहीं आई। कही लोग सोचते है की सेल्फ कंट्रोल ही सब कुछ है लेकिन रिसर्च शो करती है कि जिन लोगों के अंदर सेल्फ कंट्रोल होता है वो अपने एनवायरनमेंट को इस तरह सेट करते हैं जिससे उन्हें ज्यादा बिल पावर यूज़ ना करनी पड़े। आप भी यही करो जैसे अगर टीवी बहुत ज्यादा देख रहे हो तो टीवी देखने के बाद उसे स्टोर में रख दो ताकि आपको बार बार टीवी याद ना आयें। अगर सोशल मीडिया बहुत ज्यादा यूज़ कर रहे हो तो मोबाइल से सोशल मीडिया डिलीट करते हो और जब यूज़ करना हो उसी वक्त इन सॉल्व करो। इससे आपको नोटिफिकेशन नहीं आएंगी और ना ही बार बार सोशल मीडिया पर नजर पड़ेगी। हर जगह काम नहीं करेगी लेकिन जितना ज्यादा यूज़ कर सकते हो उतना करो लोन नंबर टू मेक इट अट्रैक्टिव। आप कोई भी काम उस वक्त करते हैं जब वो काम करने का आपका दिल करे। फूड कंपनी ज़ैड चलाती है और अपने फूड को ज्यादा से ज्यादा अट्रैक्टिव दिखाती है। क्लॉथ इंडस्ट्री में बड़े बड़े मॉडल्स को हायर किया जाता है ताकि उनके कपड़े भी अट्रैक्टिव लगे हैं। जिम से अपनी में ऐसे लोगों को लेते हैं, जिनकी बॉडी अट्रैक्टिव लगें। इसलिए अच्छी हैबिट्स बिल्ड करने के लिए उनका अट्रैक्टिव होना जरूरी है। इसका पहला तरीका है टेम्प्टेशन बदले मतलब आप जो है बिल्ड कर रहे हो, उसके साथ किसी ऐसी चीज़ को मिक्स कर दो जो आपको पसंद हो। जैसे अगर आप फ़ैक्स करना चाहते हो और आपको म्यूजिक बहुत पसंद है। तो एक्सरसाइज करते करते म्यूसिक सुनो।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जो एक्सेस करना चाहते थे और उन्हें नेटफ्लिक्स बहुत पसंद था। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग स्किल से एक प्रोग्राम बनाया और उसे अपनी साइकलिंग मशीन और टीवी के साथ कनेक्ट किया। अब नेटफ्लिक्स उसी वक्त चलेगा अगर वह अपनी साइकल एक पर्टिकुलर स्पीड में चला। ये बिज़नेस भी इसी टेक्नीक का यूज़ करते है जैसे एबीसी चैनल हर थर्सडे, तीन टीवी शो चलता था। जब इन टीवी शोज़ की ऐड आती थी तो व्यूअर से कहते थे कि वो इस शो देखते हुए पॉपकॉर्न ड्रिन्क्स साथ रखे है। एबीसी चैनल चाहता था कि लोग उनके शो देखे हैं। और उन्हें पता था कि व्यूअर्स को ड्रिंक और पॉपकॉर्न ऑलरेडी पसंद है और इसीलिए उन्होंने इन दोनों चीजों को मिक्स कर दिया, जिससे उनका शो भी अट्रैक्टिव लगने लगा। अगर कोई ऐसी हैबिट है, जिसके साथ आप कोई दूसरा काम नहीं कर सकते हैं, जैसे मान लो आपको पढ़ाई करनी है और इसके साथ कुछ और नहीं हो सकता तो इससे अट्रैक्टिव बनाने के लिए अपने आप को कोई रिवॉर्ड दो, जैसे पढ़ाई करने के बाद एक घंटा कोई टीवी शो यह दोस्तों के साथ खेलना जो आपको अच्छा लगे। इसके अलावा एक और तरीका भी है सुसन पोल्गर एक है जिसने फ़ोर इयर्स की एज मेचेस शुरू किया और छह महीने बाद वो अडल्ट्स को हरा रही थी और काफी सारी चैंपियनशिप में जीते की छोटी बहन सोफिया 14 इयर्स की एज में एक वर्ल्ड चैंपियन थी और कुछ सालों बाद जैसी ग्रांडमास्टर बन गई सबसे छोटी बहन। पृष्ठ में आने वाली सबसे यंग प्लेयर है। 27 इयर्स तक वो नंबर वन फीमेल चेस्टर रही यंग इस ग्रैंड मास्टर बनीं। इन सारी बहनों के सक्सेस का सीक्रेट है इन्वाइरनमेंट, हम वो चीजें बहुत करते हैं, जो हमारे एनवायरनमेंट में हो रही हो। अगर आपके फ्रेंड सिगरेट पीते हैं तो चान्सेस है क्या? आप भी पिएं अगर आपके फैम्ली मेंबर सुबह जल्दी उठते हैं तो आप भी जल्दी उठेंगे। अगर आपके कोलीग बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं तो आप भी करेंगे। इन बहनों के घर में बचपन से ही चेस बहुत खेला जाता था। उनके पैरेन्ट्स उनके साथ चेस खेलते थे। घर में चेस की फेमस चीज़ की पिक्चर्स डिफ़रेंट टूर्नामेंट में पार्ट लेना। इसलिए ऐसे एनवायरनमेंट में रहो जहाँ वो हो जो आप चाहते हो। जैसे अगर एक्सेस करना चाहते हो तो जिम जाओ या कोई फिटनेस क्लब जॉइन करो। अगर रीलिजस बनना चाहते हो तो वैसे दोस्त बनाओ जो रिलिजस हो, रीडिंग के हैबिट चाहते हो तो लाइब्रेरी मेंबरशिप परचेस करो। बुरी हैबिट्स सुनने के लिए उन्हें अन्य अट्रैक्टिव बनाओ। सोचो कि अगर आप ये हैबिट्स छोड़ दोगे तो आपको कितना फायदा होगा और उन्हें एनवायरनमेंट से भी खत्म कर दो। जैसे अगर नेटफ्लिक्स नहीं देखना चाहते तो कैंसिल कर दो और से फ़ोन से डिलीट करदो, वो लोग नंबर थ्री टेक इट ईजी। ऐक्सेस की हैबिट बनाना इसलिए मुश्किल है क्योंकि उसे करने में मेहनत लगती है के बाद मज़ा तो आता है उसकी भी होती है बट ये एक्शन डिफिकल्ट है। ऐमज़ॉन और दूसरी ऑनलाइन सर्विसेज की हेल्प से हम ऑयली चीज़े ऑर्डर कर पाते हैं। पहले के टाइम में कंप्यूटर यूज़ करना बहुत मुश्किल था लेकिन अब आसान है। पहले लेटर्स यूज़ होते थे लेकिन अब फ़ोन की हेल्प से कर सकते हैं। जो बिज़नेस हमारे लिए आसानी करते हैं वही सक्सेसफुल है। हैबिट्स कोई सी बनाने के लिए सारी फालतू चीज़े बीच में से निकाल दो और ना आसान करो। जैसे सुबह एक्सेस करनी है तो कपड़े रात में निकालकर रखो। अपना पूरा वर्कआउट ऐडवान्स में प्लैन कर के रखो, ज्यादा पढ़ाई करनी है तो बुक्स, नोट्स सब कुछ टेबल पर रेडी रखो। इसके अलावा आप चीजों को कम कर सकते हो जैसे रोज़ 1 घंटे ऐक्सेस करने के बजाय स्टार्ट में सिर्फ 5 मिनट एक्सेस करो और फिर रास्ता इससे टाइम बढ़ाओ। पूरी डेट चेंज करने के बजाय कोई एक बुरी चीज़ अपनी डाइट में से कम कर दो। इसी का मतलब यह नहीं है की आपको मेहनत नहीं करनी होगी। लेकिन इस लॉ का मतलब ये है कि अपने काम को जितना आसान बना सकते हो बनाओ, बुरी हैबिट्स से बचने के लिए उन्हें मुश्किल बना दो। जैसे टीवी देखने के बाद उसे नकार कर स्टोर में रख दो। इसे वापस टीवी देखना मुश्किल हो जाएगा और अब टी वी कम देखोगे। लॉ नंबर फ़ोर मेक इट सैटिस्फाइड। पहले तीन लोग ये मेक शुर करते हैं कि आपको ऐक्शन लेंगे लेकिन वो एक्शन्स रिपीट उसी वक्त होंगे अगर वो आपको सैटिस्फाइड करें। 1993 में कनाडा के एक बैंक ने ट्रेंड को हायर किया जो एक स्टॉक ब्रोकर है और उस टाइम पे उस फील्ड में न्यू थे। लेकिन फिर भी सिर्फ 18 मंथ्स में वो कंपनी में फाइव मिलियन डॉलर का रेवेन्यू ला रहे थे। इसका रीज़न था उनकी एक सिंपल हैबिट। वो डेली अपने साथ दो रखते थे। एक बार मैं 120 पेपर क्लिप होती थी और दूसरा खाली। वो हर दिन सेल्स कॉल करते थे और हर कॉल के बाद पेपर क्लिप निकालकर दूसरे जार में डाल देते थे। वो उस वक्त कॉल्स करते हैं जब तक सारी पेपर क्लिप्स दूसरे जन्म में ना आ जाए। यह मेथड यूज़ करके वो सबसे ज्यादा कॉल्स करते और सबसे ज्यादा रेवेन्यू लाते हैं। यह मेथड इसलिए काम करता है क्योंकि उससे उन्हें सैटिस्फैक्शन मिलती है। जब हम अपने प्रोग्रेस इस तरह मेजर करते हैं कि वह हमें नजर आए जैसे पेपर में डालना तो उसे सैटिस्फैक्शन मिलती है और हम वो काम ज्यादा करते है। बहुत से लोग वर्कआउट करने के बाद कैलन्डर में है, बड़ा क्रॉस लगाते हैं और फिर डेली यही करते हैं। उनकी ये डेली चैन चलती रहती है और उन्हें सैटिस्फैक्शन मिलती रहती है। अपनी डिसाइड हैबिट करने के बाद अपने आप को कोई रिवॉर्ड दो, जैसे के बाद थोड़ी देर ब्रेक लेना इससे भी आपको सैटिस्फैक्शन मिले गी। बुरी हैबिट्स से बचने के लिए आपको कुछ ऐसा करना होगा जिससे वो हैबिट करते ही आपको कोई नुकसान हो। कुछ पेनफुल जैसे गवर्नमेंट हमे से रोकने के लिए लॉस बनाती है और पनिश करती है। इसी तरह आपको भी कोई पनिशमेंट डिसाइड करनी है की अगर आप जंक फूड खाओ, गे या स्मोकिंग करोगे या कुछ भी ऐसा करोगे तो अपने आप को क्या पनिशमेंट दोगे? जैसे अगर आपने जंक फूड खाया तो आपको कल लंच नहीं मिलेगा। जिसे सिगरेट टी तो ₹1000 डोनेट करने होंगे। इसके अलावा आप ये हैबिट और पनिशमेंट अपने करीबी दोस्त या पैरंट्स के साथ भी डिस्कस कर सकते हो। इससे अब अपनी पनिशमेंट के साथ ज्यादा कमिटेड रहोगे।
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