" As A Man Thinkest " Book Summary in Hindi
जेम्स एलन की बुक ऐसे मैन थिंकिंग को बोला जाता है की वो सेल्फ इंप्रूवमेंट की सबसे फाउंडेशनल बुक्स में से एक है और ये इसलिए क्योंकि ये बुक एक बहुत इम्पोर्टेन्ट आइडिया हमें बताती है। एक आइडिया इतना इम्पोर्टेन्ट है की अगर आप इसको पूरी तरीके से अपनी जिंदगी में डाल लेंगे तो आपकी जिंदगी ट्रांसफॉर्म हो जाएगी और देखते ही देखते आपकी जिंदगी वो आइडिल लाइफ बन जाएगी जिसके बारे में आप इमेजिन करते हैं। तो फन्डामेंटल आइडिया इस बुक का ये है की आपकी पूरी जिंदगी आपके थॉट से ही बनती है और फिर हमें बताते हैं कि आपके दिमाग में जो भी थॉट्स होते हैं, वो एक बीज की तरह होते हैं जो आप एक गार्डन में डाल सकते हैं। अगर आप अपने दिमाग के गार्डन में नेगेटिव सीड्स डालेंगे तो आपको नेगेटिव ही रिजल्ट्स मिलेंगे। लेकिन अगर आप अपने दिमाग में पॉज़िटिव थॉट्स डालते तो आपको पॉज़िटिव रिज़ल्ट मिलेंगे। लेकिन एक चीज़ तो बिल्कुल शुर हैं। आपके दिमाग का गार्डन चाहे आप उसकी तरफ ध्यान दें या ना दे वो आपको कुछ ना कुछ तो देगा चाहे पॉज़िटिव या नेगेटिव तो ये आपका काम बनता है की आप अपने दिमाग के अंदर जाए। और एक एक थॉट को ऐनालाइज करें और ध्यान रखें कि वो पॉज़िटिव है और वो अलाइन है। आपकी जिंदगी के मेन एम के साथ और आपको वो सारे झाड़ियों जैसे थॉट्स निकाल देने होंगे, जो आपको आपकी जिंदगी में नहीं मदद करेंगे। तो इस वीडियो में आपको इस बुक से पांच मेन लाइसेंस देने वाला हो। तो चलिए शुरू करते हैं लेसन नंबर वन इफेक्ट ऑफ थॉट ऑन सर्कमस्टान्सेस जेम्स हमें एक एग्जाम्पल देते हैं, तीन लोगों का यह दिखाने के लिए की चाहे आप लाइफ में जिंस भी सिचुएशन में है, आपके थॉट ही उस सिचुएशन के लिए रिस्पॉन्सिबल है तो पहला सैंपल एक बहुत गरीब आदमी का उसको हमेशा ऐंगज़ाइइटी होती है और वो अपनी लाइफ को और अपने सराउन्डिंग् को इम्प्रूव करना चाहता है। लेकिन तब भी वो कंप्लेन करता रहता है अपने काम के बारे में और वो अपने बॉस से झूठ बोलता है की वो कितना काम करता है ताकि वो अपनी सैलरी बढ़वा पाए। अब ये आदमी ये बात नहीं समझ पाता है की वो अपनी सिचुएशन से कभी भी निकल नहीं पाएगा। अगर वो इसी तरीके से नेगेटिव थॉट्स रखे हैं और ऐक्चुअली वो अपने आप को उसी सिचुएशन में और फंसता जा रहा है।
सेकंड एग्जाम्पल है एक बहुत अमीर आदमी का उसको एक बहुत खतरनाक और जानलेवा बिमारी है। और वो कितने भी पैसे देने को तैयार है और उस बिमारी को दूर हटाने के लिए। लेकिन वो अनहेलथी खाना खाने का डीज़इर अपना नहीं छोड़ने वाला है। वो अपने उन थॉट्स को भी नहीं छोड़ना चाहते हैं जिनकी वजह से वो अनहेलथी खाना खाता है और इसीलिए वो अपनी बॉडी को कभी भी हेल्थी नहीं बना पाएगा और वो अपने डिज़ीज़ को हटा नहीं पायेगा। चाहे जीतने भी पैसे हो उसके पास। और थर्ड एग्जाम्पल है एक बिज़नेस मैन का। वो अपने इम्प्लॉइज को ढंग की सैलरी नहीं देता है। वो कोई भी कोशिश नहीं करता है अपने इम्प्लॉइज को खुश रखने की, उनको सेफ रखने की तो जब उसका बिज़नेस बैनक्राफ्ट हो जाता है और वो किसी को ढूंढ नहीं पाते हैं अपने लिए काम करने के लिए तब वो एक को ब्लेम करता है और अपने से बाहर के फैक्टर्स को ब्लेम करता है। लेकिन उसको ये बात समझनी चाहिए कि वो खुद ही अपनी सारी प्रॉब्लम्स को कोस कर रहा है। जेम्स हमें यह बताते हैं कि हमारी सिचुएशन हमें नहीं बनाती हैं। वो बस हमें दिखा देती है की हम असलियत में है। कौन काफी लोग ऐसा सोचते हैं कि अगर उनका कोई मुश्किल समय चल रहा है तो मुझे तो अब लाइसेंस मिल गया बुरी आदतें करने का वो सोचते है चलो कोई बात नहीं है। अगर मैं अभी स्मोक कर रहा हूँ क्योंकि मुझे बहुत ज्यादा स्ट्रेस है काम का या वो सोचते है की अरे कोई बात नहीं अगर मैं दिन में मूवीज़ देख रही हूँ और अपना टाइम वेस्ट कर रही हूँ क्योंकि हर कोई लॉकडाउन में आपको हमेशा यह याद रखना होगा कि आपका सिचुएशन आपका असली कैरक्टर करता है। अगर आपका कैरेक्टर है बहुत लेज़ी होना और आलसी होना तो किसी भी टफ सिचुएशन में आप आलसी ही बन जाएंगे। लेकिन अगर आप अपने अंदर अपने दिमाग में मेंटली स्ट्रॉन्ग होंगे, तो जब भी आप किसी टफ सिचुएशन को फेस करेंगे, आप और ज्यादा शाइन करने लगेंगे। तो अगर आपको कभी भी अपनी सिचुएशन इम्प्रूव करनी हो, तो अपने आप से सबसे पहले ये सवाल पूछिए कि मैं अपने थॉट्स को कैसे इम्प्रूव कर सकता हूँ? क्या आपको ऐसा लगता है कि यार काश मैं और स्मार्ट हो सकता या मैं और लकी हो जाती एट्सेटरा यही सारे थॉट्स है, जो आपको उस सिचुएशन में फंसाए रखेंगे लेकिन अगर आप हर सुबह उठेंगे और अब ग्रेटफुल रहेंगे, अपनी जिंदगी में चीजों के लिए और अब पूरी कोशिश करेंगे अपने थॉट्स और अपने ऐक्शंस को प्युर बनाने की, तब आप अपनी लाइफ में किसी भी सिचुएशन को हैंडल कर पाएंगे।
सेकंड लेसन है थॉट एंड पर्पस पे के हिसाब से जब तक आप अपने थॉट्स को एक ऊपर के पर्पस से लिंक नहीं कर लेते हैं, तब तक आप कोई भी बड़ी चीज़ अपनी लाइफ में नहीं पा पाएंगे। तो इसको एक्सप्लेन करने के लिए मैं आपको एक एग्ज़ैम्पल देता हूँ। मान लीजिए एरिया एक लड़की है जो सिविल सर्विस में सिलैक्ट होना चाहती है लेकिन उसका कोई खास पर्पस नहीं है। वो पॉज़िटिव थॉट्स रखने की कोशिश तो करती है और वो पढ़ाई भी पूरी मेहनत से करती है। लेकिन जब भी कोई छोटी प्रॉब्लम आती है वो बहुत डिसअप्पोइंट हो जाती है। बहुत ज्यादा मेहनत करने के बजाय जब वो पहले आइटम में नहीं सिलैक्ट होती है तो बहुत ज्यादा निराश हो जाती है और उसके लिए मुश्किल हो जाता है आगे बढ़ते रहना और दूसरे साइड पे एक दूसरी लड़की जिसका नाम है राखी और वो भी सिविल सर्विसेज में जाने के लिए प्रिपेर कर रही है। लेकिन उसका एक हाइर पर्पस है की उसको अपने देश को बेहतर बनाना है। जब भी उसके साथ कोई भी प्रॉब्लम आती है वह सिर्फ अपने पर्पस के बारे में सोचती है और वो आगे बढ़ती रहती है। अगर उसके पहले कुछ अटेम्प्ट में सेलेक्शन नहीं भी होता है तब भी वो आगे बढ़ती जाती है क्योंकि वो अपने हाइअर पर्पस को अपने दिमाग में रखती है और अगर मान लीजिये उसका कभी सलेक्शन ना भी हो तब भी वो कोई और तरीका देख लेती अपनी देश की मदद करने की क्योंकि वो उसका हाइअर पर्पस है तो आपके पास चाहे जीतने भी पॉज़िटिव थॉट्स होंगे। इसका कोई रिज़ल्ट आपको नहीं मिलेगा जब तक आप उनको चैनल करें। एक पर्पस की तरफ अब हो सकता है? आपके दिमाग में सवाल आ रहा हूँ कि मैं क्या करूँ अगर मुझे पर्पस नहीं मिल रहा है की अगर हमे ये सवाल बहुत बड़ा लग रहा है तो हम क्या करें तो उस केस में ऑर्डर। हमें बता दें कि हमारे सामने जो भी काम है उसको हमको बेस्ट पॉसिबल तरीके से करना चाहिए तो चाहे आप पढ़ाई कर रहे हो, चाहे बोरिंग शीट में काम कर रहे हो, आपको उसमें अपनी पूरी मेहनत लगा देनी चाहिए। इसी तरीके से आप अपने थॉट्स को फोकस कर पाएंगे। एक गोल की तरफ अब अगर आपको ऐसा लग रहा है की आपने थॉट्स को हर टाइम क्लीन और पॉज़िटिव रखना बहुत मुश्किल है तो कोई बात नहीं है। ऐसा सबके साथ होता है। जीस तरीके से कोई अगर फिज़िकली वीक होता है तो उसको जिम जाकर स्ट्रॉन्ग बनाने में टाइम लगता है। उसी तरीके से अपने दिमाग के थॉट्स को भी क्लीन करने में टाइम लगता है। लेकिन प्रैक्टिस करते करते अब जरूर बदल सकते हैं की आप सोचते कैसे और उसी वजह से आपके ऐक्शन बदलेंगे और अल्टीमेटली आपकी लाइफ भी बदल जाएगी। थर्ड लाइसेंस है थॉट अचीवमेंट जेम्स साल हमें बता दें कि इससे पहले कोई आदमी कुछ भी अचीव कर पाए, उसको अपने ऐनिमल डिज़ाइनर्स का गुलाम बनना छोड़ना होगा। हो सकता है उसको सारे डिजाईन्स ना छोड़ने हो, लेकिन काफी हद तक छोड़ने होंगे अगर उसको कुछ रिज़ल्ट पाना है तो अगर एक आदमी बिज़नेस शुरू करना चाहता है क्योंकि वो सोचता है की तब वो लग्जरी गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं, पार्टीज़ में जा सकते हैं। लड़कियों से मिल सकता है एट्सेटरा तो इस तरह का आदमी कभी इतना क्लिअर सोच ही नहीं पायेगा की वो बिज़नेस बनाए। जब हम अपने ऐनिमल डिज़ाइनर्स को हटाते हैं और अपने पर्पस को दिमाग में रखते हैं, तभी हमारे पास क्लैरिटी ऑफ थॉट आती है। वो चीजें करने के लिए जो हमे करनी है। ऐसा भी हो सकता है कि एक इंसान बहुत ज्यादा सक्सेस इस दुनिया में अचीव कर ले और स्पिरिचुअली भी बहुत ज्यादा आगे बढ़ जाये। लेकिन उसके बाद अगर उसने अपने थॉट्स को साफ नहीं रखा तो धीरे धीरे वो सेल्फिश बनता जाएगा और अपना पूरा सक्सेस धीरे धीरे खोने लगे गा, तो आपको अपने गोल अचीव करने के बाद भी हमेशा अपने थॉट्स पर ध्यान देना चाहिए और उनको क्लीन और पॉज़िटिव रखना चाहिए। और हाँ, कोई भी अचीवमेंट बिना सैक्रिफ़ाइस या बलिदान के नहीं आता है और सबसे बेसिक सैक्रिफ़ाइस जो हम सब लोग कर सकते हैं वो अपने कन्फ्यूज़्ड ऐनिमल डिज़ाइनर्स को गिवअप करना है।
फोर्थ पॉइंट है विज़न सैनी डील्स मेरे हिसाब से ये बुक का सबसे पॉवरफुल पॉइंट है। जेम्स ऐलान बोलते है की ड्रीमर्स से वर्ड इंसानियत का कोई भी बहुत बड़ा अचीवमेंट हमेशा स्टार्ट हुआ था। किसी के सपने में एक इंसान को मून तक पहुंचाना भी एक ड्रीम था, जब तक कि वो असलियत नहीं बना। इसी तरीके से देखते हैं इंसानों को मार डालने का एक टाइम है। हमारे फ्रीडम फाइटर्स का भी एक ड्रीम था कि 1 दिन इंडिया फ्री हो जाएगा और उसी की वजह से आज हम लोग इंडिपेंडेन्स डे सेलिब्रेट कर पाते हैं। तो जेम्स हमें बोलते है की हमे अपना ड्रीम और अपना विज़न अपने दिल में हमेशा जिंदा रखना चाहिए। वो एक एग्जाम्पल देते हैं, गरीब लड़के का जो बहुत ही गन्दी वर्कशॉप में काम कर रहा होता है और उसको बहुत मेहनत करनी होती है। लेकिन अगर वो अपने दिल में अपना विज़न रखता है कि 1 दिन में पढ़ लेकर बहुत बड़े घर में रहूंगा और मैं पूरी दुनिया को बदलूंगा तो जब तक कि वो विज़न उसके दिल में रहता है, कभी ना कभी वो उस वर्कशॉप से बाहर निकल जाएगा और वो अपने ऐक्शन के थ्रू अपने गोल के और पास पहुँच जायेगा। तो आपका विज़न और आपका आइडियल जो आपके दिल में वो सबसे कीमती चीज़ है जो आपके पास है क्योंकि 1 दिन आप भी यही आइडियल बन जाएंगे और फिर पॉइंट सेरेनिटी मतलब शांति अपने दिमाग को पूरी तरीके से शांत करना यह एक रिज़ल्ट हैं वेस्ट डंका जब आप बहुत लंबे समय तक अपनी सेल्फ कंट्रोल को प्रैक्टिस करते हैं तो आपका दिमाग अपने आप और शान बन जाता है। यही चीज़ आप नोटिस करेंगे। जब आप किसी साधु या मंग से मिले की वो कितने शांत होते हैं और वो कितने आराम से बात करते हैं जितना आप अपने ऐनिमल डिज़ाइनर सकोगे? करेंगे, उतना आप शांत बनेंगे और उतना ही आप अचीव कर पाएंगे उस इंटरनल पीस की वजह से। अगर आप एक काम इंसान बन जाएंगे तो दूसरी लोग आपके पास ऑटोमैटिकली आने लगेंगे और आप उनको स्ट्रेंथ दे पाएंगे और उनको इन्स्पाइअर्ड कर पाएंगे। एक ऑर्डिनरी बिज़नेस मैन भी यही नोटिस करेगा कि वो और सक्सेसफुल बन जाता है जब वो और काम होता है क्योंकि लोग हमेशा किसी काम इंसान के साथ ही डील करना प्रिफर करेंगे। तो इस बुक का सबसे बड़ा आइडिया यही था की आपके थॉट्स ही आपकी पूरी जिंदगी को बनाते हैं। नंबर वन आपके थॉट्स ही आपकी सिचुएशन को बनाते हैं। नंबर टू की ये थॉट्स आपके रिज़ल्ट को तभी देंगे जब आप उनको एक पर्पस से जोड़ लेंगे। नंबर थ्री की कुछ भी अचीव करने के लिए आपको अपने ऐनिमल डिज़ाइनर्स छोड़ने होंगे। नंबर फ़ोर आपका विज़न और आपका आइडियल सबसे कीमती चीज़ है जो आपके पास है और लैस पॉइंट की। जब आप अपने थॉट्स को और प्युर कर लेंगे तो आप अपने आप और शांत बन जाएंगे और यही शांति आप की हर चीज़ में हेल्प करेगी।
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